मंगलवार, अक्तूबर 06, 2009

लक्ष्मी माता यह कैसी दिवाली आने को है |

लक्ष्मी माता यह कैसी दिवाली आने को है |
 इस वर्ष वर्षा ऋतू के मौसम में,वर्षा भी बहुत कम हुई, किसानों की फसल को सूखे की मार मार गयी, उन किसानों के परिवार रोते बिलखते रहे, जिन किसानों ने किस,किस जतन से, लोन इत्यादि लेकर अपनी खेती की,और आसमान की ओर वर्षा ऋतू में,टकटकी लगा कर देखते रहे,परन्तु वर्षा तो आई ही नहीं, और उन किसानों की फसल सुख गयी, दिवाली आने से पहले यह कैसा तुषारापात? और निकल गया दिवाली से पहेले इन किसानों के परिवार का दिवाला |
 परिणाम क्या हुआ, बाजारों में साग,सब्जी अनाज,फल के दाम आसमान छुने लगे,और इन बिचारे किसानों की तो जान गयी,और जमाखोरों,कालाबाजारी करने वालों ने इसका लाभ उठाया, इन लोगों की आत्मा तो मर ही चुकी है, और इन लोगों के साथ कुछ वर्षो से मिलावट करने वाले भी अपना लाभ उठा रहे हैं,खोये में मिलावट,घी में मिलावट,दिवाली तो मन रही है, इन पथभ्रष्ट लोगों की, परन्तु सीधे,भोले,इमानदार लोगों का तो दिवाला ही निकल रहा है |
  दिवाली आने को कुछ ही दिन हैं,और  बाड़ ने बहुत से प्रदेशों में कहर ढा दिया है, आंध्र परदेश,और कर्णाटक में लोग बेघर हो गये, वोह लोग क्या दिवाली मना पाएंगे ?
 एक बात तो समझ में नहीं आती,इस दिन शगुन के नाम पर बहुत से लोग जुआ,खेलते हैं, दिवाली तो मनाई जाती है,श्री राम के बन से अयोध्या लौटने के कारण, और यहाँ से प्रारंभ हुआ था,रामराज्य अर्थार्त,सब बराबर ना कोई,अधिक अमीर ना कोई अधिक गरीब,परन्तु इस जुए से एक ही दिन में,हजारो लाखों के बारे,न्यारे,क्या यही दिवाली का प्रब्व्हाव है,कोई एक ही दिन में अधिक अमीर,और कोई एक ही दिन में अधिक गरीब, क्या यही अर्थ है रामराज्य का?
 हाँ दीपोउत्सव का दिन है, मिठाई खाने और खिलाने का उत्सव है,सर्वोपरि लक्ष्मी माता,और विघ्न विनाशक गणेश जी की पूजा का उत्सव है, लक्ष्मी गणेश जी सब पर अपनी कृपा दिरष्टि करो |
गणेश जी उन लोगों को सद्बुद्धि दो जो अनेकों पटाखे चला कर पर्दूषण से वातावरण दूषित कर रहें है, और इसके साथ ही, कर्णफोडू पटाखे चला कर ध्वनि पर्दूषण वातावरण में व्याप्त कर रहें हैं,उनको सद्बुद्धि दो |
  लक्ष्मी माता सब को अधिक नहीं,इतना तो धन,संपन्न करो, हम भी भूखे ना रहें,और जो हमारे घर आये वोह भी भूखा ना जाए |
  अंत में मेरी तो सब लोगों से विनती है, अपने घरो से एक एक दीप उन घरो में,प्रज्जुवालित करें,जिनके घर में दीप तेल की व्यवस्था ना हों, उनके घरों में दीप,तेल की व्यवस्था करके उन के होंठो पर मुस्कान लाने का प्र्यतन करें|
सभी पाठको का घर दिवाली के दिए जगमगाते रहे, लक्ष्मी,गणेश जी सब की आशाएं जगमगाती रहें |

2 टिप्‍पणियां:

संगीता पुरी ने कहा…

किसी का गुनाह किसी को सजा .. सचमुच कैसे मनेगी दीपावली .. बहुत सुंदर लगा आपका लेख !!

swadesh ने कहा…

sahi kaha apne
iss baar diwali main haal behala hai
har taraf se maar hi maar hai
kahi sukha, kahi baad hai