रविवार, नवंबर 29, 2009

मेरी पत्नी को ऐसा कमर में दर्द हुआ जो मुझे समझ में ही नहीं आया |

हमारी श्रीमती जी को गृहकार्य के अतिरिक्त,घर के रख रखाव में भी दिलचस्पी है, वैसे तो गृहकार्य तो अधिकतर हमारी काम वाली करती है, परन्तु हर रविवार को बिस्तरों की चादरें बदलना तो उनका नियमित कार्य है, मेरे और अपने मोबइलों को चार्जर पर लगाना उनका नित्यक्रम है, और इसके अतिरिक्त इन्वेर्टर की बेटरी में,रविवार को आवश्यकता अनुसार पानी डालना भी उन्होंने अपने जिम्मे ले रखा है |
बात गत रविवार की है,उस दिन वोह इन्वेर्टर की बेटरी में पानी डाल रही थी,और में नहा रहा था,सिर पर अभी साबुन ही लगाया था, तो उनकी आवाज आई सुनो,सुनो मेरे को पुकारने के लिए इसी संबोधन का प्रयोग करती हैं, में कमर पर टावल बांध कर सिर पर लगा साबुन लेकर,बाथरूम  से बहार निकला तो देखा वोह कुर्सी का सहारा लेकर खड़ी हुईं थीं, मेरे पूछने पर उन्होंने कहा इन्वेर्टर की बेटरी में पानी डालने के लिए झुकी तो झुकी की झुकी रह गयीं, और अब ना बैठा जा रहा और ना ही लेटा जा रहा, मुझे तो समझ में ही नहीं आया यह क्या हुआ ?
  रविवार को अपने फॅमिली  डाक्टर से फ़ोन पर पूछा यह क्या हुआ,उन्होंने बताया की मसल खीच गयी है,और कुछ दवाइयां बतायीं जो में उस रविवार को ले आया था|
  दो दिन पहले वोही डाक्टर आये थे,और हमारी श्रीमती जी को सुखी रोटी और उबली सब्जी खाने की हिदयात दे गए थे, और कमर पर बाँधने के लिए एक बेल्ट दे गये थे,अब एक सप्ताह के बाद मेरी श्रीमती जी को आराम है,लेकिन यह चीज मेरे लिए तो बिलकुल अप्रताय्षित थी |
  इसका मुझे लाभ यह हुआ, अधिकतर समय घर में उनके पास रह कर शनिवार और रव्विवार को तीन पोस्ट लिख दीं,और समयावकाश ना होने के कारण ब्लोगवाणी के क्रमांक एक की भी सारी पोस्ट नहीं पड़ पाता था,वोह सब तो पड़ ही लीं,शेष नए ब्लोग्गोरों को भी पड़ लिया,और ब्लोगवाणी के ब्लोगों तथा नए ब्लोग्गोरों को टिप्पणी भी दे दी |
  अ़ब अगले शनिवार या रविवार तक के लिए अलविदा
 

3 टिप्‍पणियां:

शरद कोकास ने कहा…

पत्नी सेवा से बड़ा सुख कुछ नहीं है दुनिया मे ...।

संगीता पुरी ने कहा…

अपनी सुविधा के लिए रसोई या अन्‍य कार्यों के खडे खडे किए जाने की व्‍यवस्‍था ही महिलाओं में कमर दर्द का मुख्‍य कारण है .. उन्‍हें कुछ उचित व्‍यायाम करने को कहें !!

Udan Tashtari ने कहा…

आपकी पत्नी के शीघ्र स्वास्थय लाभ की मंगलकामनाएँ.