रविवार, फ़रवरी 01, 2009

हमारा नाती

देखो,देखो लोगो मैं अपने ममा पापा के साथ नैनीताल की झील की सैर कर रहा हूँ।
बहुत ही मजा आ रहा है।





वैसे तो मुझे सोना पसंद नहीं है, मुझे सुलाने का बस येही उपाय है।

चलो थोड़ी देर खेल लिया जाए।




देखो मैंने क्या कर दिया मुझे ढूँढो।

बहुत बहुत व्यस्त हूँ






लिखने का तो मुझे बहुत शौ है




पारी ममा के साथ।



नई खोज की तलाश मैं।





चलो,चलो पैकिंग करवा दूँ।

















मेरी बहेन अभी,अभी आयी है, पापा की गोद मैं।















अरे यह तो दल बदलु, अब आ गयी मामा की गोद मैं।






आखिर आ ही गई मेरी,गोद मैं।

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