मेरे परिवार मैं चार सदस्य है,मै मेरी पत्नी और मेरी बेटी,पिता जी तो अब नहीं रहे,और मेरी बेटी की शादी हो चुकी है, मेरी बेटी के दो बच्चे हैं, एक लड़का और एक लड़की,मेरी नातिन का आगमन इस वर्ष के जून महीने मै ८ तारीख को हुआ है, जब मेरी बेटी अपने पति के घर से हमारे घर आती है, तो जाहिर सी बात है,उसके दोनों बच्चे भी आते हैं,मेरी नातिन तो केवल तीन महीने की अभी हुई है,और मेरा नाती कोई साडे तीन वर्ष का हो चुका है, उसकी बाल सुलभ क्रिराओ से ऐसा लगता है, जैसे सुखे पड़े हुए मन पर वर्षा ऋतू का आगमन हो गया है, परन्तु जब मेरी बेटी चली जाती है,तो बच्चे भी चले जाते है,और एक सन्नाटा सा पसर जाता है,घर काटने को आता है।
अब मुझे थोड़ा फ्लैशबेक मैं जाना पड़ेगा, पाठक लोग माने या ना माने और सरिता पत्रिका के संपादक गण भी विश्वास करें या ना करें।
कोई ४०,४२ वर्ष पहले की बात होगी,हम दो भाई हैं,और हमारी कोई बहिन नही है, बचपन से मैं धार्मिक परवर्ती का हूँ, और बचपन मैं बिना किसी के सिखाहे ध्यान मग्न हो जाता था, और मन मैं एक बहिन के लिए टीस सी उठती थी, पिता जी का तो स्थान,स्थान पर बदली होती रहती थी, तो निश्चित ही हमे उनके साथ जाना पड़ता था,इस प्रक्रिया मैं उनकी आखरी बदली गाजिआबाद मैं हो गई, और उसके बाद दिल्ली मैं बदली का आखिरी विराम था।
इसलिए हमारे जीवन के अधिकतम वर्ष गाजियाबाद मैं गुजरे, भाई तो बम्बई मैं नौकरी करता है, और मै स्थान,स्थान पर नौकरी करने के बाद गाजिआबाद मैं स्थापित हो गया, हमारे मासी,नाना जी और मामा जी का घर दिल्ली मैं था।
अब जो मै लिखने जा रहा हूँ, उसको पाठक गन माने या ना माने,सरिता के संपादक गन माने या ना माने परन्तु यह मेरे साथ घटित सच्ची घटना है, मन मैं बहिन की टीस तो थी ही, मैंने अपने एक रिश्तेदार की बेटी को अपनी बहिन बनाने की सोची, पहेले तो मैं उनके यहाँ कम जाता था, परन्तु उस लड़की ने मेरे पर ऐसा वशीकरण कर दिया
मैं ना रात देखता ना दिन बस वही पहुँच जाता था, फिर मेरी नौकरी लगी और उस लड़की को मेरे से पैसा चाहीये था, मेरे मन मैं तो बस बहिन की भावना थी, उसने मुझसे दूर,दूर तक रहने लगी,परन्तु मैं तो वशीकरण का मारा था, बस मेरा तो वही हाल की वहाँ बिना रात,दिन देखे पहुँच जाता था, आखिरकार उसके इस प्रकार से दूर,दूर रहने पर मेरे दिमाग पर बुरा असर पड़ा,अब मैं बताता हूँ, कि मैं वशीकरण किस कारण से कह रहा हूँ, गाजिआबाद मै हमारे रिश्तेदार रहते थे,थे तो वोह बैंक से अवकाशप्राप्त थे, और उनपर ईश्वर कृपा भी थी, और अच्छे ज्योतिष भी थे,उनकी भाविश्यवानिया समय और दिन के हिसाब से अक्षरश: सत्य निकलती थी उन्होने बताया कि उस लड़की ने मेरे को चाये मैं जड़ी डाल कर पिला दी,उससे मेरे पर वशीकरण हो गया।
3 टिप्पणियां:
मेरे साथ अभी तक ऐसा कोई अनुभव नहीं जुडा है .. इसलिए मैं इसे नहीं मानती .. आपके दिल को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा चाहूंगी !!
वशीकरण के बारे मे बहुत पढा और सुना है पोछले दिनो टी वी पर भी ऐसा प्रोग्राम एलाईव दिखाया जा रहा था । मगर क्या कह सकते हैं मेरा इस विश्य मे कोई फिर भी मानती हूँ कि ये एक विद्द्या है जरूर आभार इस अnubhaन्व को बाँटने मे
सगीता जी मैने पेहले ही लिख दिया है,कोइ माने मेरे दिल पर कोइ टेस नही पहुची
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