सोमवार, नवंबर 16, 2009

कैसे सुधरेंगी हमारे देश की अवय्व्स्थाएं?

हमारे देश में अगले वर्ष यानी २००१० में कोम्मोन वेल्थ खेल होने वाले हैं,देश विदेश से अनेकों खिलाडी इस अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में भाग लेंगे, बेशक वोह पॉँच सितारे वाले होटलों में रहेंगे,ऐसे समय पर मेरे मानस पटल पर अनेकों अव्यवस्थाओं से सम्बंधित प्रश्न उठते हैं, यह तो जाहिर है,विदेशी खिलाडी केवल अपने होटल और कमरे तक सीमीत नहीं रहेंगे, पहला प्रश्न तो उठता है,वोह लोग दिल्ली और आसपास के शेत्र को देखना चाहेंगे, सबसे पहले तो मन में  आता है, अव्यवस्थित बिजली व्यवस्था, कभी भी कहीं भी बिना रोटीन के दिल्ली और दिल्ली के आसपास के शेत्र में बिजली  चले जाना, यह बात मेरे दिमाग में इसलिए आई, मेरे पास पी.सी हैं,और देश विदेश के में काम के सिलसिले में जाने के कारण मेरे बहुत से विदेशी मित्र बन गये, और उन लोगों से यदा कदा में चेट्टिंग करता हूँ, और अचानक बिजली बिना रोटीन के अक्सर चली जाती है, और उन लोगों को मेरा सफाई देना कठिन हो जाता हैं, और यह भी होता है,इन्वेर्टर पूरी तरह से चार्ज नहीं होता,और में विवश हो कर इन्वेर्टर से भी पी.सी नहीं चला पाता |
  दूसरा सवाल जो मस्तिष्क में,उभरता हैं,रात में अचानक कुत्ते भोकने लगते हैं,और नींद में खलल पड़ता है,हो सकता है विदेशी लोगों को कहीं ऐसे स्थान पर रात को रूकना पड़े तो उन पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? और डंपिंग स्थान ना होने पर स्थान,स्थान पर पड़ी हुई गंदगी उन पर क्या प्रभाव डालेगी ?, दिन  में सडको पर घुमते हुए पशु देख कर वोह लोग क्या सोचेंगे?
  चलो कोई विदेशी दिल्ली से बहार नहीं निकला हो ,परन्तु सडको पर तो अकारण गाड़ियों के होर्न बजाना,और ऐसी चीज जो विकसित देशों में परचलित नहीं है, पीछे से दीपपर देना, इसका उन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?, ऐसा तो संभव नहीं हैं,हर समय वोह उनके लिए बनाये गये रास्तों पर चलें |
  और भी बहुत से विचार मेरे मानस पटल पर उभरते हैं,जैसे कोई विरोध करने का तरीका,अगर किसी समूह विशेष की मांगे ना मानी जाये,या कोई हादसा हो जाये तो विरोध ऐसा निजी और सार्वजानिक बाहन को आग के हवाले करना,मुझे तो यह जान,माल पर हमला करना तो बिलकुल नहीं समझ में आता,तो उन विदेशी लोगों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा |
   अभी तो स्लुमडोग मिल्लिओनर वोह पिक्चर बनाई हैं,जिसमे हिंदुस्तान की गरीबी दिखाई गयी थी,और उसको बहुत सारे ओस्कर मिल गये थे, अभी तो पिकचर में हमारे देश की गरीबी दिखाई थी, अगर किसी ने ऊपर लिखी हुई बातों पर फिल्म बना दी तो विश्व में,क्या प्रभाव पड़ेगा?, किसी नेउयोर्क  दो लोगों ने जो कि दिल्ली में रह रहे हैं,  ने एक साईट बनाया हैं, www.ourdelhistruggle.com और उन लोगों ने बहुत सी दिल्ली की अव्यवस्थाएं लिखी है,सोचिये इस प्रकार की अव्यवस्थाओं का विदेशिओं पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?

1 टिप्पणी:

कुन्नू सिंह ने कहा…

२००१० :)) हा..हा....

20010 :))) (एसे ही, गलती से लिखा जाता है पर क्या पता २००१० मे ही संभव हो, क्यों की देखने से तो नही लगता की कामनवेल्थ का गेम होने वाला है एसा लग रहा था की सरकार ये देख रही थी की BJP अगर जित जाती तो ये कामनवेल्थ उसके नाम हो जाता और कहलाता की बिजेपी ने काम करवाया)


बस आम आदमी को ठिक होना पडेगा, नेताओं को आम आदमी से कनेक्ट करना होगा जैसे अगर कोई नेता घूसखोरी मे पकडा जाता है तो उसका पबलिक भहीष्कार करे।