जब से आपका अस्थायी संकलक बंद हुआ था,और ज्ञात ही नहीं था,कब दुबारा अपने सवरूप में आएगा,में तो अपने को अपाहिज सा अनुभव कर रहा था, यह तो अच्छा हुआ कि चर्चा मंच को मैंने जोड़ रक्खा है,और उसमें रूप चन्द्र शास्त्री के द्वारा सूचित करने पर मैंने तुरंत आपके नए स्वरुप "हमारीवाणी.कोम में,अपना खाता,तथा प्रोफाइल और अपने ब्लोगों को जोड़ा,और अनामिका की सदायें को धन्यावाद देता हूँ,जिन्होंने मेरे ब्लॉग को चर्चा मंच में जोड़ा,और में इस हमारीवाणी को उनके कारण देख सका |
और मेरे पास कहने को शब्द नहीं हैं |
"धन्यवाद ब्लोगवाणी का नया स्वरुप हमारीवाणी"
4 टिप्पणियां:
agreed
hamarivani ko shubhkamnayein.
Aapne Sahi Kaha, Bahut khoob!
ब्लागवाणी के बन्द हो जाने से जो एक रिक्तता पैदा हुई है..वो शायद अब हमारीवाणी के आगमन से पूरी हो सके...उनकी टीम को शुभकामनाऎँ!!
एक टिप्पणी भेजें