२२ जुलाई को चाँद ने सूर्य को पूर्ण रूप से ढक लिया जो की अब १३२ साल बाद देखने को मिलेगा , जो कि इस सदी का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण था, विश्व मैं अनेको स्थान पर यह सूर्यग्रहण देखने को मिला था, कही पर पूर्ण रूप से और कही पर आंशिक रूप से, किसी भी ग्रहण के समय सुतक लगने के कारण मंदिरों के कपाट ग्रहण की सम्पाती तक बंद हो जाते है, यह तो मान्यता है कि ग्रहण के समय मैं पूजा पाठ,जप इत्यादि श्रेयस्कर रहते हैं, और ग्रहण समाप्त होने के बाद पवित्र नदियों मैं स्नान करना चहिये, मुझे यह तो नहीं पता कि इस प्रकार के क्रिया कलाप से मन्युष पर क्या प्रवाहाव पड़ता है ? ग्रहण के समय पूजा पाठ या मंत्र जाप से आत्मा का शुद्धिकरण होता है कि नही, या पवित्र नदियों मैं स्नान करने पर शरीर का शुद्धिकरण होता है की नही, जब सूर्यग्रहण अपनी चरम अवस्था की ओर धीरे,धीरे अग्रसर हो रहा था, चंद्रमा धीरे धीरे सूर्य को ढक रहा था, इस अद्भुत खोगोलीय नज़ारे को देखने के लिए हजारो लाखो लोग विश्व के अनेको स्थानों पर एकत्रित हो रहे थे, तारेगना पर तो देश विदेश के अनेको लोग इस नजारे को देखने के लिएय एकत्रित थे, और बादलो के आ जाने के कारण इस घटना नही देख पाए, बनारस मैं यह पूर्ण सूर्यग्रहण सबसे सुंदर दिखाई दिया, इस खुबसूरत नजारे को आसमान दिखाने के लिए यात्रियो को लेकर एक विमान उड़ा और दूसरे विमान मैं विज्ञानिक इसके शोध के लिए आसमान मैं के लिए उड़े, उस समय हमारे देश भारत मैं बहुत से बीमार और अपंग बच्चो पर ग्रहणभी लग रहा था, वैसे तो यहाँ अन्धविश्वास भरा पड़ा है, ना जाने कितने लोग अंधविश्वासों से ग्रसित है, कितने धर्म के ठेकेदार इस अंधविश्वास को बढावा दे कर अपना उल्लू सीधा करते हैं, और इस पूर्ण सूर्य ग्रहण के समय तो इस अंधविश्वास की पराकाष्ठा हो गयी।
इस सूर्य ग्रहण के समय पर करनाटक के गुलबर्गा जिले मैं,छोटे छोटे मासूम अपंग और वीमार बच्चो को यह सोच कर की इनका रोग ठीक हो जाएगा,उनके कपड़े उतार कर के जमीन मैं गले तक दवा दिया, और यह क्रम तब तक चलता रहा जब तक यह इस ग्रहण के शुरू होने के बाद अंत हो गया, विचारे मासूम अपंग और वीमार बच्चे बेबस से होकर के विलाप करते रहे,और इस क्रूरता से उन बेबस बच्चो को बचाने वाला कोई नही था, मालुम नहीं इस प्रकार अंधविश्वास के नाम पर इस तरह की यातना देने का क्रम कब तक चलता रहेगा , सदी के सबसे बड़े सूर्यग्रहण पर बच्चो पर इस प्रकार यातना देने वाला एक और ग्रहण पड़ा था ,ऐसा था इस सदी का एक और ग्रहण जो कि अपंग और बीमार बच्चो पर पड़ा, पता नहीं इस प्रकार के यातना देने वाले अन्धविश्वास कब तक चलते रहेंगे, यह जब यह सत्य एक न्यूज़ चैनल Indiatv ने उजागर किया तो उस जिले के जिलाधिकारी ने इस घटना की जाँच के आदेश दे दिए, इस प्रकार इन बेबस बच्चो पर ऐसा था पूर्ण सूर्यग्रहण।
1 टिप्पणी:
dukh aur vishaad ki baat........
he raam ! ye kya ho raha hai?
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